इंटरनेट पर ब्लॉगिंग की दुनिया में बैक लिंक एक तरह का लिंक होता है जो किसी और की वेबसाइट से यूजर को आपकी वेबसाइट पर लेकर आता है। असल में बैकलिंक्स एंकर टैग का ही एक फैंसी नाम है। इसमें ज्यादातर href attribute और टारगेट attribute का उपयोग होता है। बैकलिंक्स क्रिएट करते समय जो एंकर टेक्स्ट हम यूज करते हैं उस Anchor Text को Keywords कहा जाता है।यहां तक कि गूगल के Crawler सॉफ्टवेयर भी बैकलिंक्स के थ्रू आपकी वेबसाइट को क्रॉल करते हैं।इसी कारण से गूगल बैकलिंक्स को बहुत अहमियत देता है। अब तो गूगल इतना स्मार्ट हो गया है के यह अनवांटेड इलीगल बैकलिंक्स को झट से पहचान कर स्पेम की कैटेगरी में डाल देता है।इसलिए आज के समय में क्वालिटी बैकलिंक्स बनाना बहुत जरूरी हो जाता है ता जो आपके ब्लॉग को SEO (Search Engine Optimization). में अच्छी रैंकिंग मिल सके। आइए बैकलिंक्स का Syntax पैटर्न देखते हैं।
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output:
बैकलिंक्स दो तरह के होते हैं
1) पहला डू फॉलो बैक लिंक
2) दूसरा नो फॉलो बैक लिंक
अगर कोई यूजर किसी अच्छी रेपुटेशन वाली वेबसाइट से बैक लिंक पर क्लिक करके आप की वेबसाइट पर आता है तो यह होगा अच्छी क्वालिटी का बैक लिंक।ऐसा लिंक जनरेट करने के लिए आपके ब्लॉक का कंटेंट उस वेबसाइट के कंटेंट के साथ मैच करता होना चाहिए।जैसे कि अगर आपके ब्लॉक का कंटेंट फैशन से संबंधित है और आप अपना लिंक उस वेबसाइट पर पोस्ट कर रहे हैं जिसका कंटेंट कुकिंग से संबंधित है तो आपका बैक लिंक पुअर क्वालिटी का माना जाएगा।
अगर कोई यूजर किसी ऐसी वेबसाइट से क्लिक करके आप की वेबसाइट पर आता है जिसकी कोई रेपुटेशन नहीं है जैसे कि कोई नट ओरियस वेबसाइट तो ऐसे बैकलिंक्स को हम बेड क्वालिटी बैकलिंक्स बोलते हैं।
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